स्वागत है आपका इस “स्टॉक मार्केट” के फुल कोर्स में, इस “कोर्स” में आप “बेसिक से एडवांस” तक “स्टॉक मार्केट” को Structure way में “स्टेप बाय स्टेप” सिखेएंगे|आज आप इस कोर्स में जानेंगे कि|What do Sensex, BSE, NSE, and Nifty Mean?|सेंसेक्स, बीएसई, एनएसई और निफ्टी का क्या मतलब है?|What is Index?How many types of Index in India?And Why do we need index?|इंडेक्स क्या है?भारत में कितने प्रकार के इंडेक्स हैं?और हमें इंडेक्स की आवश्यकता क्यों है?|
1.What do Sensex, BSE, NSE, and Nifty Mean?
What is Index?And Why do we need index?|”इंडेक्स” क्या है और हमें इंडेक्स की आवश्यकता क्यों है?|
आपने “इंडेक्स” शब्द को पहली बार कब सुना होगा|तो “इंडेक्स” शब्द को हमलोग स्कूल या कॉलेज में जो भी वहां पे बुक या कॉपी को देखते हैं उसके फ्रंट पेज पर हमलोग देखते हैं तो वहां पर” इंडेक्स” पेज हुआ करता था|उस इंडेक्स पेज में आपको ये पता लग जाता था कि बुक हमको किस तरफ लेकर जाएगी, उसके अंदर क्या नॉलेज दिया हुआ है क्या टॉपिक्स दिया हुआ है, क्या सबक दिया है| तो हमलोगो को एक बेसिक आइडिया होता था कि ये किताबें हमको किस ओर लेकर जाएगी| इसी तरह “स्टॉक मार्केट” के अंदर भी इंडेक्स यहां पर वही भूमिका निभाते हैं कि आपको इंडेक्स यह बताता है कि एटानी शेयरी कंपनियां “स्टॉक मार्केट” में लिस्टेड है, इतनी सारी कंपनियां “स्टॉक एक्सचेंज”के अंदर लिस्टेड है कि मार्केट का मूड आपको दिखाना है, मार्केट का व्यू आपको देखना है, उसकी दिशा क्या है, उसके लिए आपको इंडेक्स को देखना जरूरी है। इंडेक्स में हमेशा क्या होता है चुनिंदा कंपनियों को वहां पर रखा जाता है उनकी एक प्रोसेस होती है। की टॉप 10 कंपनियां, टॉप 20 कंपनियां , टॉप 30 कंपनियों को रखा जाता है| तो ये प्रोसेस से हमलोग कंपनियों को निकालते हैं|या उसे हमलोग देखते हैं और मार्केट के डायरेक्शन को समझते हैं|तो मुझे लगता है आपलोगों को समझ में आ गया होगा “इंडेक्स” क्या होता है उसके बारी में आइडिया हुआ होगा अगर हमलोग को मार्केट के डायरेक्शन को देखना होता है तो “स्टॉक मार्केट” में “इंडेक्स” का प्रयोग करते हैं क्योकी हमलोग इतनी सारी कंपनियों को ट्रैक करना संभव नहीं है एक नजर के अंदर|नोट:- तो हमलोग इंडेक्स का नजरिया(view) देखा लेते हैं| आपलोगो ने देखा होगा न्यूज़ चैनल्स के ऊपर आज “सेंसेक्स” इतना डाउन है 2% डाउन है या 5% डाउन है|”सेंसेक्स” आज 500 पॉइंट नीचे गिर गया है| “निफ्टी आज 100 प्वाइंट ऊपर उठा गया है। और इंडेक्स के चाल को देखने रहे हैं| और इंडेक्स के चाल को देखने के बाद हमलोग मार्केट का एक नजरिया बनाते हैं। तो उससे हमारे दो “इंडेक्स” होते हैं एक बीएसई के अंदर देखने को मिलेगा “सेंसेक्स” ) और दुसरा इंडेक्स हमलोगो को देखने को मिलेगा ii)एनएसई का तो वो हमारा “निफ्टी“(नेशनल फिफ्टी) होता है|
2. What are Sensex and Nifty?|सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?
What is Sensex and why do we need sensex in Indian market?|”सेंसेक्स”क्या है? भारतीय “शेयर बाजार” में “सेंसेक्स” क्यों है?|
“सेंसेक्स” एक “बीएसई” का इंडेक्स है इसके फुल फॉर्म की बात करे तो इसका मतलब होता है
“सेंसिटिव इंडेक्स” ये इतना सेंसिटिव होता है कि मार्केट के हर चीज को भाप लेता है|
नोट:- (ये शब्द जो है “सेंसिटिव इंडेक्स” जितना आप स्टॉक मार्केट में जाएंगे उतना आपको डिटेल में समझ में आएगा कि क्यों इसका नाम सेंसिटिव इंडेक्स है। इसके नाम में काफी कुछ छुपा है।)
जब “सेंसेक्स” को बनाया गया था तब “बीएसई” के अंदर काफी साड़ी कंपनियां थी, तो “बीएसई” अंदर 30 कंपनियों को मिलाकर “सेंसेक्स” को बनाया गया|वो उन्हें “वेटेड एवरेज” के आधार पर कैलकुलेट किया गया था|
नोट:- [हम अगले ब्लॉग में “वेटेड एवरेज” पर चर्चा करेंगे (पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)]
ये अलग-अलग तरह की कंपनियां होती हैं जैसे:- एनर्जी, इंडस्ट्रियल्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, फाइनेंशियल्स, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, टेलीकम्यूनिकेशन सर्विसेज, यूटिलिट्स, रियल एस्टेट, मैटेरियल्स इन कंपनियों को मिला कर उनके “वेटेड एवरेज” पे टॉप 30 कंपनियों को निकला जाता है। उनके “मार्केट कैप्टिलाइजेशन” के अनुसार “सेंसेक्स” को बनाया गया है “सेंसेक्स” का बेस वैल्यू हमें 100 रुपये तय किया गया | सारी कंपनियों को मिला कर उसकी बेस वैल्यू बना दी गई 100 रुपये जो आज आपको देखने को मिलेगी 65,000 रुपये, 66,000 रुपये चल रही है| तो आज कहा पर आ चुका है| तो हमें उसे एक दिशा मिला की आने वालों दिनो में कितना रिटर्न “सेंसेक्स” ने दिया है| अब जो इसके अंदर जो कंपनियां है वो ये फैसला कर लिया गया था कि टॉप 30 कंपनियां ही यहां पर रहेगी| तो जिश समय ईएस “सेंसेक्स” को बनाया गया था तो उस समय उसके साथ जो कंपनियां हुई थीं तो वो हो सकता है उनमे से काई सारी कंपनियां इसके अंदर नहीं है क्योंकि यहां पर “मार्केट कैप्टिलाइजेशन” के अनुसर टॉप 30 कंपनियों को सेलेक्ट किया गया था|तो हमलोग यह कह सकते हैं ही “सेंसेक्स” एक एसा बास्केट है जिसके अंदर हमेशा इंडिया के टॉप 30 कंपनियां रहना जरूरी है जो कंपनियां परफॉर्मेंस नहीं कर रही हैं। वो बाहर निकल जाएगी और दूसरी कंपनी यहां पर जगह ले लेगी। तो कहने का मतलब हम लोगों को आयशा बास्केट मिला रहा है|कि यहां पर हमेशा इंडिया की टॉप 30 कंपनियों को रखना है तो हमलोग अलग-अलग कंपनियों में निवेश करने के बजाएं और टॉप 30 कंपनियों के अंदर भी निवेश कर सकते हैं|और “सेंसेक्स” को भी हमलोग खरीद सकते हैं|
Note:-[“Market Captilization” क्या है हम अगले ब्लॉग में चर्चा करेंगे (पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)]
What is Nifty?Why do we need Nifty in Indian market?|क्या निफ्टी है? हमें निफ्टी की आवश्यकता क्यों है?
“निफ्टी” एक “एनएसई” का “इंडेक्स” है सबसे ज्यादा ट्रेडिंग “एनएसई” के अंदर होती है [हमलोग बहुत सारी स्ट्रैटेजी इसके अंदर बनाएंगे] [काफी साड़ी ट्रेडिंग इससे अंदर करेंगे| तो हमलोग के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है कि हमलोग इसे अच्छी तारिके से समझें] यहां पर इसके अंदर के Instead के 30 कंपनियों को लेते हैं और “वेटेड एवरेज” 50 कंपनियों को अलग-अलग सेक्टर्स के अंदर करके निकला गया है और उसके यहां पर “निफ्टी” इंडेक्स बना है| तो इसकी प्रोसेस क्या है जैसा की हमलोगों ने सेंसेक्स के अंदर देखा इसी तरह वैसा ही है लेकिन यहां पर टॉप 50 कंपनियां को यहां पर मिलाया तब जाकार एक बास्केट त्यार हुआ आपके पास तो कहने का मतलब “निफ्टी” अगर बोले एक येसा बास्केट है जहां पर इंडिया की टॉप 50 कंपनियां अलग-अलग सेक्टर की रहती हैं। तो अगर हमलोगों को किसी कंपनी के ऊपर भरोसा नहीं हो रहा की कंपनी जीरो हो सकती है, कभी हमलोग उसके साथ में इन्वेस्ट करें तो हमलोग यहां पर “निफ्टी” को भी ख़रीद सकते हैं|अगर हमलोग सिंगल की बात करें तो टॉप 50 कंपनियों को एक साथ ख़रीद लिया अगर यहां पर “निफ़्टी” ख़रीद रहे हैं तो आप कैसे खरीदेंगे वो हमलोग यहाँ पर बात करेंगे|
तो एक ऐसा बास्केट तयार हो गया जिसके अंदर हमेशा टॉप 50 कंपनियां रहेंगी इंडिया की वो भी अलग-अलग सेक्टर के तो ये स्थापित हुआ था 1992 के अंदर इसका जो बेस भैलू था वो 1000rs ये “निफ्टी” 1000 से शुरू हुआ था जो की देखेंगे आप आज 11,460 रुपये के पास-पास चल रहा है| तो इतना इसके अंदर वैल्यू बढ़ चुकी है| इससे हमलोग को क्या मालुम पड़ा “मार्केट” का डायरेक्शन मार्केट पिछले 10,12,15 शालो के अंदर किस डायरेक्शन में जा रहा है| वो हमको यहां पर देखने को मिलता है तो इंडेक्स एक महत्वपूर्ण नियम निभाता है| अगर हमलोग “शेयर बाजार” के अंदर ट्रेड करते हैं या फिर निवेश करते हैं, तो यहां काफी महत्वपूर्ण नियम होता है “इंडेक्स” का|
Course Next Topic:-What is Market capitalization And Weighted Average?|बाजार पूंजीकरण और भारित औसत क्या है?| market capitalization: मार्केट कैपिटलाइलेशन के बारे में इन 5 बातों …
FAQs..
1. Differences between Sensex and Nifty
Ans:-Sensex and Nifty are two popular stock market indices in India. Both are used as benchmarks to measure the performance of the Indian stock market, but there are some key differences between them:
1. Composition: Sensex is made up of 30 large, well-established companies from various sectors, while Nifty consists of 50 companies from 14 different sectors.
2. Calculation Method: The Sensex is calculated using the market capitalization-weighted method, which takes into account the total market value of a company’s outstanding shares. Nifty, on the other hand, uses the free-float market capitalization-weighted method, which takes into account only the shares that are available for trading in the market.
3. Weightage: In Sensex, the weightage of each stock is based on its market capitalization. In Nifty, the weightage is based on free-float market capitalization.
4. Historical Performance: Over the years, both indices have performed well, but the Sensex has been around for longer and has a longer history of performance data.
5. Representation: Sensex is often seen as representing the overall health of the Indian stock market, while Nifty is seen as a more diversified index that represents a wider range of companies and sectors.
6. Influence: Sensex is considered to have more influence on the Indian stock market compared to Nifty due to its longer history and higher profile.
Overall, both indices are important tools for investors to track the performance of the Indian stock market, but they have some key differences that investors should be aware of when using them for investment decisions.
2. How to Calculate Sensex and Nifty?
Ans:-Sensex and Nifty are calculated using different methods.
To calculate the Sensex, the following formula is used:
Sensex = (Total market capitalization of 30 companies / Base market capitalization) x Base Index value
Here, the base market capitalization is the total market value of the 30 companies on the base date, which is January 1, 1979. The base index value is 100. The total market capitalization is the sum of the market capitalization of the 30 companies in the index.
To calculate the Nifty, the following formula is used:
Nifty = (Sum of free-float market capitalization of 50 companies / Index Divisor) x Base Index value
Here, the free-float market capitalization of each company is calculated by multiplying the total number of shares outstanding by the price of each share, and then subtracting the shares held by promoters, government, and other locked-in shares. The index divisor is a number used to maintain continuity in the index value over time. The base index value for Nifty is also 1000, which was set on November 3, 1995.
Both Sensex and Nifty values are calculated in real-time using these formulas, with updates every few seconds during market hours based on the changes in the market capitalization of the companies in the index.
3. How to Calculate Sensex?
Ans:-To calculate the Sensex, the following formula is used:
Sensex = (Total market capitalization of 30 companies / Base market capitalization) x Base Index value
4. How to Calculate Nifty?
Ans:-To calculate the Nifty, the following formula is used:
Nifty = (Sum of free-float market capitalization of 50 companies / Index Divisor) x Base Index value