Stock Market : 10 ऐसे टर्म्स जिन्हें हर नए निवेशक को समझ लेना चाहिए 2023 मे| Share Market Terminology in Hindi: 10 शेयर मार्केट शब्दावली

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शेयर मार्केट की शब्दावली | Share Market Terminology in Hindi|Stock Market : 10 ऐसे टर्म्स जिन्हें हर नए निवेशक को समझ लेना चाहिए

1. Share market में रेगुलेटर 

क्या होता है?

रेगुलेटर का काम होता है मार्केट को डेवलप करना, जो पार्टिसिपेंट्स हैं उनके ऊपर नजर रखना और स्टॉक मार्केट को रेगुलेट करना एक्सचेंज के ऊपर ध्यान देना, ये सभी रेगुलेटर का काम होता है|
भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज है एनएसई/बीएसई तो इनहे कोन रेगुलेट कर रहा है कोई प्रतिभूति निकाय या सरकारी निकाय इसे विनियमित करना चाहिए, इसके लिए नियम और विनियम बनाना चाहिए ताकि “छोटे निवेशक या खुदरा निवेशक” के हित को सुरक्षित किया जा सके।

भारतीय वत्तीय प्रणाली में 6 नियामक निकाय जो बाजार को सुरक्षित रखते हैं|6 Regulatory Bodies in Indian Financial System that Keeps the Market Safe!

1. RBI – Reserve Bank of India|भारतीय रिजर्व बैंक
Sector:-Banking & Finance, Monetary Policy
2. SEBI – Securities and Exchange Board of India
Sector: Securities (Stock) & Capital Market Year of Establishment 1992
3. IRDAI – Insurance Regulatory and Development Authority of India
Sector: Insurance
4. PFRDA – Pension Fund Regulatory & Development Authority
Sector: Pension
5. SIDBI – Small Industries Development Bank of India
Sector: Financing Micro, Small and Medium-Scale Enterprises
6. NHB – National Housing Bank
Sector: Financing Housing


1. सेबी क्या है(what is SEBI in stock market) | कार्य | अधिकार | उद्देश्य | SEBI Full Form in Hindi

• स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड का रेगुलेटर है सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) सेबी का कम होता है जहां पर एक्सचेंज होता है| भारत सरकार बोर्ड के माध्यम से जो रेगुलेट करती है, पूंजी बाजार (शेयर बाजार) को|

SEBI के क्या कार्य है/ मुख्य कर्तव्य –

 i)स्टॉक एक्सचेंज का विकास(Development of stock exchange)
• NSE और BSE दोनों एक्सचेंज अपना काम सही ढंग से करे.
• स्टॉक ब्रोकर्स नियम को मान कर काम करे.
• शेयर मार्किट में जो भी कंपनी हिस्सा ले वह गलत काम ना करे.
• कोई भी कंपनी अपने फायदे के लिए share market के उपयोग ना करे.
• छोटे इन्वेस्टर की सुरक्षा हो.
• पूरे share market में अच्छा विकास हो.
• खुदरा निवेशकों के हितों की रक्षा करना
• बाजार सहभागियों और वित्तीय मध्यस्थों की गतिविधियों को विनियमित करने के लिए


2. STOCK MARKET PARTICIPANT- प्रतिभागी
आइये अब बात करते है, stock market participants के बारे में,

जितने लोग भी स्टॉक मार्केट में शेयर खरीदते या बेचते है, उनको स्टॉक मार्केट पार्टिसिपेंट्स कहा जाता है,
इस तरह स्टॉक मार्केट और इसकी सेवा , स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से हर किसी के लिए उपलब्ध है, कोई भी जो शेयर खरीदना या बेचना चाहता है, उसे बस किसी स्टॉक ब्रोकर के पास अपना डिमैट और ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होता है,

STOCK MARKET PARTICIPANT CATEGORIES
स्टॉक मार्केट में जितने भी लोग स्टॉक खरीदते या बेचते है, उन सभी को इन पांच केटेगरी में बाटा जा सकता है,

1. Domestic Retail Investor – 
stock market participants की पहली केटेगरी है डोमेस्टिक रिटेल इन्वेस्टर का मतलब है, भारत एक Individual नागरिक, हमारे या आपके जैसे Individual लोग, जो स्टॉक मार्केट में शेयर खरीदते या बेचते है,
2. NRI Retail Investor –
stock market participants की दूसरी केटेगरी है NRI रिटेल इन्वेस्टर का मतलब है, विदेश में रहने वाला मूल रूप से भारत का निवासी,जो स्टॉक मार्केट में शेयर खरीदते या बेचता है,
3 DII – DOMESTIC INSTITUTIONAL INVESTORS,
Stock market participants की तीसरी केटेगरी है, DII (डोमेस्टिक इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर)
इसका का अर्थ है भारत मे स्थित बड़े बड़े कॉरपोरेट कंपनियां, जो स्टॉक मार्केट में निवेश करते है, यानी शेयर खरीदते है और बेचते है, जैसे – LIC, UTI और अन्य कॉरपोरेट इन्वेस्टर,
4. FII – FOREGIN INSTITUTIONAL INVESTORS
stock market participants की चौथी केटेगरी है, FII यानी भारत से बाहर दुसरे देशो, जैसे अमेरिका, यूरोप, जापान, अलग अलग देशो में स्थित बड़ी बड़ी निवेश करने वाली संस्थाए है, जो अलग अलग देशो में निवेश करते है,
जैसे-
FRANKLIN TEMPLTON INVESTMENT FUNDS
PENSION FUND GLOBAL
EUROPACIFIC GRWOTH FUND
5. AMC (ASSET MANAGEMENT COMPANIES)
stock market participants की पांचवी केटेगरी है AMC (ASSET MANAGEMENT COMPANIES),
AMC यानी भारत मे स्थित वे कंपनी जो लोगो के समूहों के पैसे को स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करती है,

3. Depository क्या होता है ? Depository Meaning in Hindi?

जैसे की हम सब जानते है Depository एक ऐसी जगह होती है जहाँ पर हम अपना कुछ सामान जमा करके रख सकते है |
इसी प्रकार स्टॉक मार्किट में Depository एक ऐसी संस्था है जहाँ पर निवेशकों का डीमैट अकाउंट electronic form me खोला जाता है |जरूर देखिये डीमैट अकाउंट क्या होता है ?

 भारत में कितनी Depositories है ?

भारत में केवल दो ही Depositories है –
• NSDL
• CDSL
(1) NSDL: National Securities Depositories Ltd
NSDL भारत की एक depository है जिसका पूरा नाम National Securities Depositories Ltd है ,यह भारत की सबसे पुरानी depository है जिसकी शुरुवात 8 november 1996 में हुई थी |
(2) CDSL: Central Depositories Services Ltd
CDSL की सुरुवात फ़रवरी 1999 में हुई थी ,इसका पूरा नाम Central Depositories Services Ltd है। CDSL Bombay Stock Exchange के अंतर्गत आता है और यह भारत का दूसरा Security Depository है।

Depositories के मुख्य कार्य क्या है ?

1. Depository डीमैट अकाउंट खोलने की सुविधा के साथ साथ शेयरों की इलेक्ट्रॉनिक transactions की सुविधा भी मुहैया करवाती है
2. कंपनी के डिपॉजिटरी की सदस्य बनते ही डिपॉजिटरी, कंपनी के शेयर और डेब्ट सिक्योरिटीज का लेखा जोखा रखना शुरू कर देती है
3. इनके जिम्मेदारी के अंतर्गत ownership रिकॉर्ड maintenance और shares पर ट्रेडिंग सुविधा उपलब्ध करवाना भी है
4. देश में अभी केवल दो डिपॉजिटरी है NSDL और CDSL और बहुत से डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट इनसे जुड़े है

4. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट क्या है इसके कार्य हिंदी में (What is Depository participants in Hindi)

एक स्टॉक ब्रोकर हमारे स्तर पर डिपॉजिटरी के साथ स्टॉक, शेयर, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड आदि को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से रखने के लिए काम करते हैं। उस “रजिस्टर्ड” स्टॉक ब्रोकर या किसी वित्तीय संस्थान को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट या डीपी के रूप में जाना जाता है।
स्टॉक मार्केट में डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट का क्या कार्य है?
यह दो डिपॉजिटरी के एजेंट के रूप में कार्य करता है, क्योंकि आप एनएसडीएल या सीडीएसएल के साथ सीधे संपर्क नहीं कर सकते हैं, आपको अपना डीमैट खाता खोलने और बनाए रखने के लिए डिपॉजिटरी प्रतिभागियों की आवश्यकता है।

डिपॉजिटरी प्रतिभागी की भूमिका

• डीपी फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में तब्दील करते हैं।
• डीपी प्रतिभूतियों से जुड़े व्यापार लेनदेन की निगरानी और ट्रैक करते हैं
• डिपॉजिटरी और निवेशकों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करें।
• सुनिश्चित करें कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से आयोजित निवेश सुरक्षित और सुरक्षित हैं
• सुरक्षित रूप से लेनदेन और व्यापार हस्तांतरण की सुविधा
• शेयरों के स्वामित्व और गिरवी रखने से संबंधित रिकॉर्ड बनाए रखें

5. शेयर बाजार में (FII)Foreign Institutional investors क्या होते हैं( What is Foreign Institutional investors):-

विदेशी संस्थागत निवेशक वे निवेशक हैं जो भारत में निवेश कर रहे हैं लेकिन भारत का हिस्सा नहीं हैं. इन निवेशकों को एफआईआई के रूप में संदर्भित किया जाता है. वे किसी भी देश से म्यूचुअल फंड या इंश्योरेंस बिज़नेस हो सकते हैं. इसमें हमारी अर्थव्यवस्था के विस्तार में योगदान देने की क्षमता है.
विदेशी संस्थागत निवेशकों को SEBI के साथ पंजीकरण करना होगा और अपनी आवश्यकताओं का पालन करना होगा क्योंकि वे भारतीय कंपनियां नहीं हैं. एफआईआई को कभी-कभी एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) कहा जाता है. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफआईआई) में मुद्रा मूल्यों में बदलाव के कारण महत्वपूर्ण राशि बनाने या खोने की क्षमता है.
उदाहरण – जे.पी. मोर्गन, यूरो पैसिफिक ग्रोथ फंड, मोर्गन स्टैनली.

भारतीय स्टॉक में विदेशी संस्थागत निवेशकों या एफआईआई पर सीमाएं

1. एफआईआई अपनी कुल पूंजी का 10 प्रतिशत एक कंपनी की इक्विटी में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
2. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में निवेश करने के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की अधिकतम राशि बैंक की भुगतान पूंजी का 20% है.
3. विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) केवल भारतीय कंपनी की भुगतान की गई पूंजी का 24% तक निवेश कर सकते हैं.
4. अगर व्यक्तिगत कॉर्पोरेशन को अपने शेयरधारकों से अनुमति प्राप्त होती है, तो अधिकतम सीमा 30% तक उठाई जा सकती है.

6. भारत में क्रेडिट रेटिंग कैसे काम करती है?|Credit Rating Agency (CRA)

क्रेडिट रेटिंग का मूल्यांकन करने के लिए हर क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के पास अपना तरीका है। हालांकि, क्रेडिट रेटिंग के प्रमुख कारक क्रेडिट रिकॉर्ड, क्रेडिट प्रकार और अवधि, क्रेडिट का इस्तेमाल, क्रेडिट एक्सपोज़र आदि हैं।ये क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां हर महीने अपने पार्टनर बैंकों और अन्य लोन संस्थानों से क्रेडिट जानकारी इकट्ठा करती हैं। एक बार क्रेडिट रेटिंग के लिए अनुरोध किए जाने के बाद ये एजेंसियां पूरी जानकारी इकट्ठा कर लेती हैं और कई कारकों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करती हैं।

• भारत में क्रेडिट रेटिंग एजेंसी

i) CRISIL
ii) ICRA
iii)CARE
iv)ONICRA
v)SMERA

7. मर्चेंट बैंकर क्या है हिंदी में?| what is merchant banker in hindi?

मर्चेंट बैंकर कंपनियों को प्राथमिक बाजार में पैसा जुटाने में मदद करता है|


• मर्चेंट बैंकर के कार्य
 

मर्चेंट बैंकर कंपनियों को प्राथमिक बाजार में पैसा जुटाने में मदद करता है| यदि कोई कंपनी IPO जारी करके पैसा जुटाने की योजना बना रही है, तो मर्चेंट बैंकर वह हैं जो IPO प्रक्रिया में कंपनियों की मदद करते हैं।

8. AMC Stocks क्या होते हैं? Asset management compny की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में।

AMC (Asset Management Company) कंपनियां वह होती है, जो आप और मेरे जैसे रिटेल निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके उसे, उन निवेशकों की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग एसेट में निवेश करती हैं।

• एएमसी कंपनी के कार्य

एएमसी स्टॉक्स के बारे में जानने से पहले AMC कंपनियां क्या कार्य करती है? यह भी जानना बहुत जरूरी है। एएमसी कंपनियां के ग्राहक बहुत ज्यादा होते हैं इसलिए वह प्रत्येक ग्राहक से व्यक्तिगत रूप से पूछकर उसके अनुसार, उसका पोर्टफोलियो नहीं बना सकती है। 
जैसे- ICICI AMC, Reliance, AB Capital

9. एनएससीसीएल और आईसीसीएल क्या है हिंदी में|What is NSCCL and ICCL in hindi 

• NSCCl :-National Security Clearing Corporation Ltd.
• ICCL:- Indian Clearing Corporation 


• एनएससीसीएल और आईसीसीएल के कार्य

 ये क्रमशः एनएसई और बीएसई की सहायक कंपनियां हैं| 


10. कहां निवेश करें| Where to invest
 

 1. संपत्ति वर्ग(Asset Class)
  i) निश्चित आय साधन(Fixed Income Instruments)
  ii) हिस्सेदारी(Equity)
  iii)रियलस्टेट्स(RealStates)
  iv)कमोडिटी-बुलियन(

इन्हें भी पढ़े –

• Intraday Trading में loss से कैसे बचे
• Call Put Option in Hindi

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