How to Start Tea Bag Making Business 2023, Profit, Investment, Raw Materials| चायपत्ती के बैग बनाने का व्यापार

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Table of Contents

चायपत्ती के बैग बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें( How to Start Tea Bag Making Business Plan In Hindi)

Tea Bag Making Business: टी यानी चाय का सेवन हमारे देश में काफी अधिक मात्रा में किया जाता है|  और इसलिए हमारे देश में चाय से जुड़े व्यवसाय का काफी ज्यादा दायरा है, भारत के अलावा अन्य विदेशी देशो में न केवल शहरी बालकी ग्रामीण इलाको में भी चाय खूब पी जाती है, जहां लोग चायपत्ती को उबाल कर चाय पीना पसंद करते हैं वही आधुनिक समय है  मैं अन्य लोगों द्वारा चाय पत्ती के बैग से बनाई गई चाय पीना पिया पसंद किया जाता है, हालांकी सहरी इलाकों में आजकल चाय पत्ती के बैग से बनाई गई चाय की प्रचलन बढ़ती जा रही है|  क्योकी इसमे अलग-अलग प्रकार की जड़ी-बूटियाँ और पत्तियां मिलकर थीरेपि के लिए भी इस्तमाल किया जाता है|

चाय पत्ती बैग निर्माण का बिजनेस क्यों शुरू करें(Why start tea bag  Making business)

हलांकी गैस पर बनाई जाने वाली चाय की तुलना में चायपत्ती के बैग वाली चाय काफी जल्दी बन जाती है, इसीलिये ज्यादा तार ऑफिस और होटलों में, रेस्तरां में चाय बैग वाली चाय ही बनाई जाती है, जिसका कारण हमारे देश से अनेक देश में चायपत्ती बेची जाती है  वली अधिकार कंपनियों ने अब टी बैग वाली चायपति भी बेचना शुरू कर दिया है, अगर आप इस व्यापार में रुचि रखते हैं तो आपको टी बैग का बिजनेस जरूर शुरू करना चाहिए|  क्यों की इस बिज़नेस में आप हर महीने ₹1,00,000-₹5,00,000 तक का मुनाफ़ा कमाते हैं|

How To Start Tea Bag Making Bussiness(टी बैग बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करें)

आइए अब जानते हैं इस लेख के द्वारा टी बैग बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए कितना निवेश लगेगा, क्या-क्या कच्चा माल चाहिए |  इसे शुरू करने के लिए कितना एरिया चाहिए, बिजनेस को अच्छी तरह से चलाने के लिए कितने लोगो का मैन पावर चाहिए|  और क्या टी बैग बनाने के बिजनेस में बिजली की जरूरत पड़ेगी|

तैयार करें बिजनेस प्लान और बजट (Business plan and budget)

Tea Bag Making Business का स्टेप आप तैयार करने से पहले आप मार्केट रिसर्च के आधार पर अपना एक बिजनेस प्लान तैयार कर लें. क्योंकि आपके द्वारा तैयार किए गए इस बिजनेस प्लान की मदद से ही आपको टी बैग के व्यापार को स्थापित करने में मदद मिलेगी और साथ ही इस व्यापार के साथ जुड़े नुकसानों और फायदों के बारे में भी पता चल सकेगा.

चायपत्ती के बैग बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री (Raw Materials Required for Tea Bag Making Business)-

• फिल्टर पेपर
• चाय पत्ती

क्या होता है फिल्टर पेपर (Filter Paper)

टी बैग बनाने में इस्तेमाल होने वाला फिल्टर पेपर मुख्य रूप से अबाका फाइबर (abaca) से बनाए जाते हैं और ये फाइबर फिलीपीन केले के पत्तों से प्राप्त किया जाता है, जिसे मनीला हंप के रूप में भी जाना जाता है.
फिल्टर पेपर के अंदर चाय पत्ती को भरा जाता है और इस पेपर के सहित चायपत्ती को गर्म पानी में डालकर चाय बनाई जाती है.
टी बैग को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले फिल्टर पेपर का कागज बहुत छिद्रपूर्ण और पतला होता है. इसके अलावा ये पेपर आसानी से गीला भी नहीं होता है, जिसके कारण ये पेपर गर्म पानी में नहीं घुल पाता है और इसलिए ही इस पेपर का इस्तेमाल चायपत्ती के बैग बनाने के लिए किया जाता है.

कहां से लें फिल्टर पेपर और इसके दाम (Filter Paper Cost)–

Tea Bag Making Business: फिल्टर पेपर को आप नीचे बताए गए किसी भी यूआरएल पर जाकर खरीद सकते हैं. इन पेपर के दाम इन पेपर की क्वालिटी के आधार पर तय किए जाते हैं.

चाय पत्ती (Tea Leaves)

चायपत्ती कई तरह की आती हैं जैसे की ग्रीन टी, ब्लैक टी, यैलो टी और इत्यादि, इसलिए आप जिस किस्म की चायपत्ती के चायपत्ती के बैग का व्यापार स्टार्ट करना चाहते हैं, आपको उस प्रकार की चायपत्ती को खरीदना होगा.
आप चायपत्ती बेचने वाले किसी भी व्यापारी से सीधे तौर पर चायपत्ती खरीद सकते हैं, या फिर किसी चाय के बागान से चाय के पेड़ों की पत्तियों को खरीदकर, अपनी खुद की चायपत्ती बना सकते हैं. गौरतलब है कि चाय के पौधे की पत्तियों को तोड़कर और उन्हें सूखा कर चायपत्ती तैयार की जाती है.

चायपत्ती की वैरायटी  (Varieties Of Tea)

Tea Bag Making Business चायपत्ती से जुड़ा हुआ व्यापार है और भारत में चाय लोगों द्वारा काफी पसंद भी की जाती है. भारत के कई राज्यों में चाय के बगान हैं जयसे:- असम, दार्गलिंग etc और इन्हीं बागानों से चायपत्ती की सप्लाई देश भर में की जाती है और इस वक्त बाजार में कई तरह की चायपत्तियों की वैरायटी  भी उपलब्ध है. आप अगर टी बैग का बिजनेस शुरू करते हैं तो आपको चायपत्तियों की वैरायटी के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है.

•  सफेद चाय (White Tea) – वाइट टी या सफेद चाय भारत सहित चाइना, तवांग और थाईलैंड देशों में उगाई जाती है और ये चायपत्ती चाइनीज केमेलिया सिनेसिस पौधे के पत्तों से और कलियों से बनाई जाती है.

•  ग्रीन टी (Green Tea) – ग्रीन टी का सेवन काफी अधिक किया जाता है, क्योंकि ये हेल्थ के लिए काफी अच्छी होती है और ग्रीन टी की पत्ती केमेलिया सिनेसिस पौधे से प्राप्त की जाती हैं.

•  ऊलौंग टी (Oolong Tea) – ये चाय चाइना सहित कई देशों में काफी प्रसिद्ध है, लेकिन हमारे देश में इस प्रकार की चाय को अधिक व्यक्तियों द्वारा नहीं पीया जाती है. लेकिन अगर आप अपना टी बैग का व्यापार अन्य देशों में करना चाहते हैं तो आप ऊलौंग टी बैग बनाकर, इनका एक्सपोर्ट उन देश मे कर सकते हैं जहां पर इस प्रकार की चायपत्ती की मांग काफी अधिक है.

•  ब्लैक टी (Black Tea) – ब्लैक टी का सेवन भारत में किया जाता है और ये चायपत्ती बाजार मे बिकने वाली अन्य प्रकार की चायपत्तियों से स्वाद में काफी स्ट्रांग होती है.

•  हर्बल टी (Herbal Tea) – हर्बल टी में जड़ी बूटी, फूल, और फल का मिश्रण होता है और ये चायपत्ती तीन प्रकार की होती है, राइबोस चाय, मेट चाय और हर्बल इन्फ्यूजन. ऊपर बताई की टी के अलावा येलो और फर्मेन्टेड नाम की चायपत्ती भी बाजार में काफी बिकती है.

कहां से खरीदें चायपत्ती

Tea Bag Making Business: आप अपने शहर या राज्य के किसी भी चायपत्ती बेचने वाले व्यापारी से थोक  दामों में इन्हें खरीद सकते हैं. या फिर ऑनलाइन के जरिए नीचे बताए गए लिंक पर जाकर चायपत्ती खरीद सकते हैं. dir.indiamart.com/ और indiamart.com/ लिंक पर जाकर आपको कई ऐसे व्यापारी मिल जाएंगे जो कि ऑनलाइन के जरिए चायपत्ती को बेचने का कार्य करते हैं.

खुद से चायपत्ती तैयार करने की प्रक्रिया (Manufacturing process )

Tea Bag Making Business: किसी व्यापारी से चायपत्ती खरीदने की जगह आप खुद से भी चायपत्ती बना सकते हैं. दरअसल चाय के पौधे के पत्तों को तोड़ने के बाद उन पत्तों को विथरिंग, ग्राइंड, सुखाना और पीसने जैसे  प्रक्रिया से गुजरना पड़ता और इन प्रक्रियों से गुजरने के बाद चायपत्ती बनकर तैयार हो जाती है.

• विथरिंग प्रक्रिया (Withering Process) – विथरिंग प्रक्रिया के अंतर्गत चाय के पौधे के पत्तों को 18 से लेकर 20 घंटों तक खुली जगह पर रखकर सूखाया जाता है, ताकि उनके अंदर की नमी को खत्म किया जा सके. इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद चाय के पौधों की पत्तियों का रंग कॉपर रंग में बदल जाता है.

• क्रश (Crushing) – पत्तों को हवा में सूखाने के बाद उन्हें ग्राइंड किया जाता है. कई कंपनियां हाथों के जरिए पत्तों को क्रश करती हैं तो कई कंपनियों द्वारा ये कार्य रोटेटिंग टेबल्स या फिर रोलिंग मशीन की मदद से किया जाता है.

सुखाना (Drying)

1. चाय के पत्तों को क्रश करने के बाद उनको सूखाया जाता है और हर वैरायटी के पत्तों को सूखाने की प्रक्रिया अगल होती हैं. जैसे कि ब्लैक टी के पत्तों को उच्च तापमान की मदद से सूखाया जाता है, ताकि ब्लैक टी की पत्तियों का फ्लेवर उसमें मौजूद रहे. और उच्च तापमान में इन पत्तियों को सूखाए जाने के कारण ही इन पत्तियों का रंग काले रंग में तब्दील हो जाता है.

2. ऊलौंग टी के पौधों के पत्तों को सुखाने की प्रक्रिया, ब्लैक टी के पत्तों को सूखाने की प्रक्रिया के मुकाबले कम समय लेती है. ऊलौंग टी के पौधे के पत्तों को पहले रोल्ड किया जाता है फिर उनको सुखाया जाता है फिर से दोबार उनको रोल्ड किया जाता है

3. ग्रीन टी के पौधे के पत्तों को तोड़ने के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें उबाल लिया जाता है और फिर इनको सुखाया जाता है

पीसने की क्रिया               

Tea Bag Making Business: चाय के पौधे के पत्तों को सूखाने के बाद उन्हें मिल में भेजा जाता है और मिल में उन पत्तों को पीसने का कार्य किया जाता है. हालांकि चाय के पौधों के पत्तों को किस तरह से पीसा जाता है, ये इस बात पर निर्भर होता है कि आप किस मकसद के लिए उनको बना रहे हैं. जैसे कि टी बैग के अदंर भरने वाली चाय पत्ती का आकार छोटा रखा जाता है. क्योंकि इस प्रकार की चाय को बनाने में कम समय लगता है और छोटी आकार की पत्ती होने की वजह से ये पानी या दूध में जल्द घूल जाती है.

ब्लेंडिंग (Blending)

Tea Bag Making Business: हर कंपनी अपने द्वारा बनाई गई चायपत्ती को अलग स्वाद देने के लिए, अपनी चायपत्ती में कई तरह की चीज मिलाती है, जैसे कि इलायची, अदरक और लौंग. इसलिए आप अपनी चायपत्ती को जो स्वाद देना चाहते हैं, आपको उस स्वाद के हिसाब से उसमें कुछ चीजे मिलानी होगी और उन चीजों को अच्छे से चाय की पत्ती के साथ ब्लेंड करना होगा. इन चीजों को मिलाने के बाद आपकी चाय की पत्ती बनकर तैयार हो जाएगी.

चायपत्ती के बैग में पत्ती भरने की प्रक्रिया (Process of Tea Pakaging)

• एक बार जब आपकी चायपत्ती बनकर तैयार हो जाएगी तो आपको उस चायपत्ती को टी बैग मैंकिग मशीन की मदद से फिल्टर पेपर में भरना होगा. आमतौर पर एक चाय बैग में लगभग 1 से लेकर 4 औंस (ounce) चायपत्ती भरी जाती है

• फिल्टर पेपर में चायपत्ती को भरने के बाद उस पेपर को टी बैग मैंकिग मशीन की मदद से सील किया जाता है और उस पेपर के साथ एक धागा जोड़ा जाता है.

• वहीं आप चाहें तो अपने टी बैग पेपर पर अपनी कंपनी का लोगो भी लगा सकते हैं. हालांकि ऐसा करने के लिए आपको पेपर पर लोगो छापने वाली किसी कंपनी से संपर्क करना होगा.

टी बैग बिजनेस से जुड़ी मशीन (Machine for Tea Bag Making Business)

चायपत्ती को फिल्टर पेपर में, टी बैग मैंकिग मशीन की मदद से पैक किया  जाती है और ये मशीन आप नीचे दिए गए यूएरआल पर जाकर खरीद सकते हैं. indiamart.com/या alibaba.com/

चायपत्ती के दाम (Price of Tea Bag)

Tea Bag Making Business: चायपत्ती के दाम उनकी क्वालिटी पर निर्भर करते हैं. यानी अगर आप अच्छी क्वालिटी की चायपत्ती लेते हैं तो वो आपको 300 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिलेगी. वहीं अगर आप थोड़ी कम क्वालिटी वाली चायपत्ती लेते हैं तो वो आपको 100 से लेकर 150 रुपए के बीच के दामों में मिल जाएगी.

कंपनी खोलने के लिए स्थान का चयन (Location for Tea Bag Making Business)

किसी भी व्यवसाय केई लिए महत्वपूर्ण चीज है स्थान और आप किसी प्रॉपर्टी डीलर से मिलकर, अपने इस बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए किसी स्थान को किराए पर लेना होगा. वहीं जमीन को किराए पर लेने से जुड़ा हुआ कॉन्ट्रैक्ट  भी आपको बनवाना होगा. साथ ही उस स्थान पर टी बैग बनाने वाली मशीनों को भी लगाना होगा.

चायपत्ती का बैग बनाने वाली कंपनी खोलने के लिए रजिस्ट्रेशन (Registration process for Tea Bag Making Business )

टी बैग की कंपनी शुरू करने से पहले आपको इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन भी करवाना होगा. रजिस्ट्रेशन करवाने के वक्त भी आपका थोड़ा सा खर्चा होगा. इसलिए टीग बैग व्यापार का बजट बनाते समय इस खर्चे को भी अपने बजट में जरूर जोड़ लें. अगर आपको टी बैग की कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाने में कोई दिक्कत आती है, तो आप किसी वकील से भी सहायता ले सकते हैं.

बैग बनाने वाली कंपनी लाइसेंस (License for Tea Bag Making Business)

टी बैग के व्यापार को स्टार्ट करते समय आपको उत्पादक लाइसेंस और व्यापार लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी, इसललिए आपको अपने राज्य की लोकल अथॉरिटी से इन्हें बनवाना होगा. साथ ही आपको टैक्स भरने से जुड़े हुए सभी प्रकार के कार्य भी करने होंगे.

ख़रीदार (Potential Buyers for Tea Bag Making Business)-

अच्छा खासा मुनाफा कमाने के लिए आपको अधिक से अधिक टी बैग बेचने होंगे और इन बैग को बाजार में थोक व्यापारी के जरिए बेचने के अलावा, आप चाहें तो सीधे तौर पर किसी रेस्तरां, होटल या ऑफिस वालों से संपर्क कर, उन्हें बल्क (Bulk) में भी टी बैग बेच सकते हैं.

मार्केट रिसर्च (Market Research for Tea Bag Making Business)

1. टी बैग बनाने का बिज़नेस स्टार्ट करने से पहले आप इस बिजनेस से जुड़ी मार्केट की अच्छे से रिसर्च कर लें. मार्केट रिसर्च की मदद से आपको पता चल सकेगा की आपके द्वारा बनाए जाने वाले टी बैग का कहां ज्यादा इस्तेमाल किया जाता हैं और किन जगहों पर आप इन्हें बेच सकते हैं.

2. साथ ही आप टी बैग बनाकर बेचने वाली कंपनी से जुड़ी हुई रिसर्च भी कर लें. ताकि आपको पता चल सके कि आपकी प्रतिस्पर्धा किन कंपनियों से हैं और इन कंपनियों द्वारा इस उत्पाद को कितने मूल्य में बनाया जाता है और कितने मूल्य में बेचा जाता है.

मार्केटिंग और प्रमोशन (Marketing And Promotion for Tea Bag Making Business) –  

1. बाजार में पहले से ही कई ऐसी कंपनियां मौजूद हैं जो कि टी बैग बेचने का कार्य करती हैं और इन्हीं कंपनियों का मुकाबला आप मार्केटिंग और प्रमोशन के जरिए कर सकते हैं.
2. आप अपने बजट के हिसाब से मार्केटिंग और प्रमोशन से जुड़े किसी भी तरीके का सहारा ले सकते हैं और लोगों को अपने टी बैग ब्रांड की जानकारी दे सकते हैं.

निष्कर्ष

Tea Bag Making Business को स्टार्ट करते समय आप चाहें तो केवल एक या दो प्रकार की वैरायटी वाली टी के बैग बनाकर उन्हें बेच सकते हैं. वहीं जैसे ही आपका ये बिजनेस अच्छे से चलने लगे तो आप अन्य तरह की वैरायटी वाली चायपत्ती को भी टी बैग के जरिए बेच सकते हैं.

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